Tuesday, June 27, 2017
प्रस्तावना
जल हमारे जीवन के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है। इसलिए लोग जल को जीवन मानते है। जल ही जीवन है इसलिए संरक्षण में योगदान देना अत्यधिक आवश्यक है। जल से ही हमारी सभी आवश्यकताएँ पूरी होती है। वर्तमान में जल की हानी अत्यधिक बढ़ गयी है इसलिए जल का संरक्षण जरूरी है। वर्तमान समय में हमारे देश भारत में ही नही बल्कि दुनिया के अनेक देशो में जल का अभाव बढ़ रहा है। जल का अभाव बढ़ने के कारण लोगो को अनेक कष्टों का सामना करना पड़ता है। लोगो को दूर दूर तक पानी लाने के लिए जाना पड़ता है। गर्मियों के दिनों में लोगो को अनेक कष्ट उठाने पड़ते है। लोगों को पीने व नाहने के लिए पानी नहीं मिलता है। धरती पर जीवन के अस्तित्व को बनाये रखने के लिये जल का संरक्षण और बचाव बहुत जरूरी होता है क्योंकि बिना जल के जीवन सभव नहीं है। पूरे ब्रह्माण्ड में एक अपवाद के रुप में धरती पर जीवन चक्र को जारी रखने में जल मदद करता है क्योंकि धरती इकलौता अकेला ऐसा ग्रह है जहाँ पानी और जीवन मौजूद है। पानी की जरुरत हमारे जीवन भर है इसलिये इसको बचाने के लिये केवल हम ही जिम्मेदार हैं।
जल का महत्व
जल हमारी आवश्यकताओ को पूरी करता है। जल का उपयोग कृषि,उद्योगों,कारखानों,घरों में अत्यधिक आवश्यक है। जल के द्वारा ही कृषि संभव है। जल से ही सभी कार्य संभव होते है। जल हमारे जीवन में बहुत आवश्यक है। हम सभी बिना खाना खाये 10 से 15 दिन तक जी सकते है, लेकिन बिना जल के 3 से 4 घंटे से ज्यादा नहीं जी सकते है। जल के बिना जीवन संभव नहीं है। जल इतना महत्वपूर्ण होने के बाद भी अनेक लोग जल की कीमत नहीं समझ पाते है। अनेक लोग जल को अनावश्यक रूप से बर्बाद करते है।
वतर्मान में देश के अनेक भागों में जल की बहुत अधिक कमी हो गई है। जल की कमी के कारण अनेक जगहों पर खेती के लिए जल नहीं मिल पा रहा है। इस लिए फसल की उपज में कमी आ गई है। जल की लगातार बर्बादी के कारण जमीन में जल का स्तर गिरता जा रहा है। जमीन में जल स्तर की कमी के कारण अनेक पेड़ पौधे सूख गए है। ऐसे ही जल की बर्बादी होती रही तो वह दिन दूर नहीं जब पीने के पानी के लिए लड़ाईया होगीं और काफी महंगे दामों पर पीने का पानी बिकेगा। इंसानो को जितना जल आवश्यक है,जानवरों,कीड़े मकोड़े सभी को जल की उतनी ही आवश्यकता होती है। घर बनाने मोटर गाड़ी चलाने तक सभी चीजों में जल की जरूरत होती है। जल से ही नदिया और समुन्द्र बने है। अगर घर में किसी दिन पानी आना बंद हो जाये तो उस घर में कोई काम नहीं हो पाता है। इसलिए हमे जल का महत्व समझना चाहिए।
वतर्मान में देश के अनेक भागों में जल की बहुत अधिक कमी हो गई है। जल की कमी के कारण अनेक जगहों पर खेती के लिए जल नहीं मिल पा रहा है। इस लिए फसल की उपज में कमी आ गई है। जल की लगातार बर्बादी के कारण जमीन में जल का स्तर गिरता जा रहा है। जमीन में जल स्तर की कमी के कारण अनेक पेड़ पौधे सूख गए है। ऐसे ही जल की बर्बादी होती रही तो वह दिन दूर नहीं जब पीने के पानी के लिए लड़ाईया होगीं और काफी महंगे दामों पर पीने का पानी बिकेगा। इंसानो को जितना जल आवश्यक है,जानवरों,कीड़े मकोड़े सभी को जल की उतनी ही आवश्यकता होती है। घर बनाने मोटर गाड़ी चलाने तक सभी चीजों में जल की जरूरत होती है। जल से ही नदिया और समुन्द्र बने है। अगर घर में किसी दिन पानी आना बंद हो जाये तो उस घर में कोई काम नहीं हो पाता है। इसलिए हमे जल का महत्व समझना चाहिए।
जल संरक्षण के उपाय
गाँव के स्तर पर लोगों के द्वारा बरसात के पानी को इकट्ठा करने की शुरुआत करनी चाहिये। उचित रख-रखाव के साथ छोटे या बड़े तालाबों को बनाने के द्वारा बरसात के पानी को बचाया जा सकता है। युवा विद्यार्थियों को अधिक जागरुकता की आवश्यकता है साथ ही इस मुद्दे के समस्या और समाधान पर एकाग्र होना चाहिये।धरती पर सुरक्षित और पीने के पानी के बहुत कम प्रतिशत के आंकलन के द्वारा, जल संरक्षण या जल बचाओ अभियान हम सभी के लिये बहुत जरूरी हो चुका है। औद्योगिक कचरे की वजह से रोजाना पानी के बड़े स्रोत प्रदूषित हो रहे हैं। जल को बचाने में अधिक कार्यक्षमता लाने के लिये सभी औद्योगिक बिल्डिंगें, अपार्टमेंटस्, स्कूल, अस्पतालों आदि में बिल्डरों के द्वारा उचित जल प्रबंधन व्यवस्था को बढ़ावा देना चाहिये। पीने के पानी या साधारण पानी की कमी के द्वारा होने वाली संभावित समस्या के बारे में आम लोगों को जानने के लिये जागरुकता कार्यक्रम चलाया जाना चाहिये। गर्मी के मौसम में कूलर में अधिक पानी बर्बाद न होने दें, केवल जरुरत भर का ही इस्तेमाल करें। हमें पाइप के द्वारा लॉन, घर या सड़कों पर पानी डालकर नष्ट नहीं करना चाहिये। पौधारोपण को वर्षा ऋतु में लगाने के लिये प्रेरित करें जिससे पौधों को प्राकृतिक रुप से पानी मिलें। हमें अपने हाथ, फल, सब्जी आदि को खुले हुए नल के बजाय पानी के बर्तन से धोने की आदत बनानी चाहिये। हमें दोपहर के 11 बजे से 4 बजे तक पौधों को पानी देने से बचना चाहिये क्योंकि उस समय उनका वाष्पीकरण हो जाता है। सुबह या शाम के समय पानी देने से पौधे पानी को अच्छे से सोखते हैं। हमें पौधरोपण को बढ़ावा देना चाहिये जो सुखा सहनीय हो। हमें पारिवारिक सदस्यों, बच्चों, मित्रों, पड़ोसियों और सह-कर्मचारियों को सकारात्मक परिणाम पाने के लिये अपने अंत तक यही प्रक्रिया अपनाने या करने के लिये प्रेरित करना चाहिये। जागरुकता फैलाने के लिये हमें जल संरक्षण से संबंधित कार्यक्रमों को बढ़ावा देना चाहिये। जल बर्बादी से हमें खुद को बचाने के लिये अपने जीने के लिये जल की एक-एक बूंद के लिये रोज संघर्ष कर रहे लोगों की खबरों के बारे में हमें जागरुक रहना चाहिये। लोगों को अपने बागान या उद्यान में तभी पानी देना चाहिये जब उन्हें इसकी जरुरत हो। पाइप से पानी देने के बजाय फुहारे से देना अधिक बेहतर होगा जिससे पानी की बचत होगी।
भारत के जिम्मेदार नागरिक होने के नाते, पानी की कमी के सभी समस्याओं के बारे में हमें अपने आपको जागरुक रखना चाहिये जिससे हम सभी प्रतिज्ञा ले और जल संरक्षण के लिये एक-साथ आगे आये। ये सही कहा गया है कि सभी लोगों का छोटा प्रयास एक बड़ा परिणाम दे सकता है जैसे कि बूंद-बूंद करके तालाब, नदी और सागर बन सकता है। जल संरक्षण के लिये हमें अतिरिक्त प्रयास करने की जरुरत नहीं है, हमें केवल अपने प्रतिदिन की गतिविधियों में कुछ सकारात्मक बदलाव करने की जरुरत है जैसे हर इस्तेमाल के बाद नल को ठीक से बंद करें, फव्वारे या पाईप के बजाय धोने या नहाने के लिये बाल्टी और मग का इस्तेमाल करें। लाखों लोगों का एक छोटा सा प्रयास जल संरक्षण अभियान की ओर एक बड़ा सकारात्मक परिणाम दे सकता है।
जल का व्यय कृषि में अधिक होता है। इसलिए कृषि में सिचाई द्वारा होने वाले जल के अत्यधिक व्यय से बचने के लिए आधुनिक सिचाई पद्धतियों का उपयोग करना चाहिए।
भारत के जिम्मेदार नागरिक होने के नाते, पानी की कमी के सभी समस्याओं के बारे में हमें अपने आपको जागरुक रखना चाहिये जिससे हम सभी प्रतिज्ञा ले और जल संरक्षण के लिये एक-साथ आगे आये। ये सही कहा गया है कि सभी लोगों का छोटा प्रयास एक बड़ा परिणाम दे सकता है जैसे कि बूंद-बूंद करके तालाब, नदी और सागर बन सकता है। जल संरक्षण के लिये हमें अतिरिक्त प्रयास करने की जरुरत नहीं है, हमें केवल अपने प्रतिदिन की गतिविधियों में कुछ सकारात्मक बदलाव करने की जरुरत है जैसे हर इस्तेमाल के बाद नल को ठीक से बंद करें, फव्वारे या पाईप के बजाय धोने या नहाने के लिये बाल्टी और मग का इस्तेमाल करें। लाखों लोगों का एक छोटा सा प्रयास जल संरक्षण अभियान की ओर एक बड़ा सकारात्मक परिणाम दे सकता है।
जल का व्यय कृषि में अधिक होता है। इसलिए कृषि में सिचाई द्वारा होने वाले जल के अत्यधिक व्यय से बचने के लिए आधुनिक सिचाई पद्धतियों का उपयोग करना चाहिए।
युवा जागृति संस्थान द्वारा जल संरक्षण में किये गए प्रयासों की झलकियाँ
18/05/2017
KANJIPURA
19/05/2017
SHYAMPURA
NAVALPURA
AALNPUR
KHARKHARA
MILKPUR
BHARAM KA BAS
KUNDLI
BAS KARNAWAT
BAS SHEKHAWAT
MANDLI
19/05/2017
SHYAMPURA
NAVALPURA
AALNPUR
KHARKHARA
20/05/2017
RASNALIMILKPUR
BHARAM KA BAS
KUNDLI
21/05/2017
BAS DAYALBAS KARNAWAT
BAS SHEKHAWAT
MANDLI
22/05/2017
23/05/2017
24/05/2017
25/05/2017
26/05/2017
27/05/2017
28/05/2017
29/05/2017
30/05/2017
31/05/2017
01/06/2017
02/06/2017
03/06/2017
04/06/2017
05/06/2017
06/06/2017
07/06/2017
08/06/2017
09/06/2017
10/06/2017
Monday, June 26, 2017
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जल ही जीवन है
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